16 April 2012

इंटरनेट की अभूतपूर्व निगरानी शुरू


फेसबुक ट्विटर या यू-ट्यूब से ई-मेल तक पूरी वेब दुनिया पर शिकंजा कसने में सरकार को जरा भी देर नहीं लगेगी। देश में इंटरनेट मॉनीटरिंग की अब तक की सबसे बड़ी परियोजना पर अमल शुरू हो गया है। अब इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की पहचान ही नहीं बल्कि वेब पर संवाद सामग्री [कंटेंट] पर भी पैनी नजर रखी जा रही है। एक-एक क्लिक, एक-एक सर्च, अपडेट, चैट और मेल को कोई देख रहा है। पूरी योजना को सुरक्षा मामलों की कैनिबेट कमेटी मंजूरी मिल गई है..................
इस अभियान में खुफिया एजेंसियों का पूरा दस्ता लगा है। स्थलीय नेटवर्क से लेकर उपग्रह और समुद्री केबल तक सभी जगह इंटरनेट ट्रैफिक मॉनीटरिंग प्रणाली लगाई जा रही है। देश में अलग-अलग जगहों पर करीब 53 मॉनीटरिंग मॉड्यूल स्थापित हो चुके हैं। उन्हें इनक्रिप्टेड [कूट] संदेश खोलने और कंटेंट को जाचने के एक केंद्रीय तंत्र से जोड़ा जा रहा है। लगभग 450 करोड़ रुपये के इस अभियान की तकनीकी कमान एनटीआरओ के हाथ है....
आतंकी खतरों, साइबर सुरक्षा और गोपनीयता की जरूरतों के चलते इंटरनेट मॉनीटरिंग का अभियान गजब की तेजी के साथ तैयार हुआ है.....................
धरती से आकाश तक
-जल, थल और आकाश में फैला मॉनीटरिंग नेटवर्क, देश में 53 मॉनीटरिंग मॉड्यूल लगाए गए।
-उपग्रह स्थलीय गेटवे, समुद्री केबल, सभी जगह निगहबानी प्रणालियों की स्थापना शुरू।
-एनटीआरओ को पूरी परियोजना की कमान सौंपी गई। खुफिया एजेंसियों को जिम्मेदारी बाटी गई।
सबकी जिम्मेदारी तय
-एनटीआरओ-स्थलीय गेटवे, सेटेलाइट, समुद्री नेटवर्क मॉनीटरिंग, क्रिप्ट एनालिसिस, कंटेंट एनालिसिस।
-सी-डॉट [सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमेटिक्स]-वायस कॉल, बेसिक, जीएसएम, सीडीएमए, एसएमएस, एमएमएस, अंतरराष्ट्रीय कॉल, कॉल डाटा रिकॉर्ड।
-केयर [सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एंड रोबोटिक्स]: इंटरनेट निगरानी की विशेष तकनीक विकसित करने में मदद कर रहा है...............

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